कृषि एवं जनजातिय स्वराज संप्रभुता अभियान
Banswara District [Banswara]
Event info
Date: | November 14, 2019 |
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Time: | 9:00 am |
Location: | Banswara District |
Address: | Village Kupda, Banswara Banswara |
Details
कृषि एवं जनजातिय स्वराज संप्रभुता अभियान – वागधारा
इस वार्षिक-समागम के माध्यम से वागधारा का उद्देश्य है की “जनजातिय समाज के अगुवा-जन अपने सामूहिक विषयों पर सामूहिक चर्चा कर सकें और उन्हें अन्य सरोकारियों से साझा करके अपने लिए नीतिगत बदलाव की वकालत करने की दिशा में प्रभावी कदम उठा सकें| वागधारा एक ऐसा अवसर प्रदान करेगी जिसमे जनजातिय विकास की संस्थाएं, नीति-निर्माता, शिक्षाविद, नीतिगत कार्य को समर्पित व्यक्ति और संस्थान, जन-संचार प्रतिनिधि और अन्य सरोकारी साथ मिलकर एक कार्यक्रम तैयार करें जो जनजातिय समुदाय के लिए उनकी परम्पराओं और संस्कृति को प्रभावित किये बिना, उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने का कार्य कर सके|
इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु वागधारा द्वारा गाँधीजी की 150 वी जयंती के अवसर पर जनजातिय स्वराज अभियान 2019 का आयोजन राजस्थान, मध्य-प्रदेश, और गुजरात के संगम पर आधारित जनजातिय ह्रदय स्थल पर किया जा रहा हैं | इसमें इन तीनो राज्यों के जनजातिय क्षेत्र से प्रतिनिधि भाग लेकर अपने क्षेत्र के मुद्दों को चर्चा में लायेंगे और उन्हें अन्य सरोकारियों के साथ मिलकर नीतिगत विकास पर अपने समुदाय की स्वराज सोंच के साथ सम्प्रभुता पर कार्ययोजना का निर्माण करेंगे | पुरे कार्य की रणनीति का ढांचा मुख्यतः “सरंक्षित करना – प्रदान करना – बढ़ावा देना” के सिद्धांतो पर केन्द्रित होगा |
विषय-वस्तु
इस-वर्ष की प्राथमिकता इस प्रकार हैं:
- मिटटी, बीज, जैव विविधता, एवं पीड़ियों के संरक्षण व पोषण में समुदाय की भूमिका सरकार से आग्रह व् कर्षक समुदाय की जिम्मेदारिया|
- बीजों के विषय में आत्म-निर्भर कृषक समाज की स्थापना कैसे की जासकती है?और बीजोपचार और रोग रहित बीज-प्रबंधन कैसे होगा
- जैव विविधता, जनजातिय ज्ञान व विधाओं से समाज व सृष्टी को क्या दे सकते है |
- गांधीजी के स्वराज की अवधारणा को समुदाय की सहभागिता एवं स्वयं-सेवकों के माध्यम से अमली-जामा कैसे पहनाया जा सकेगा ?
- अपने गाँव में 100 प्रतिशत बच्चे शिक्षा से जुड़े तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इसको कैसे सुनिश्चित करेंगे? अपने गाँव को बाल मित्र कैसे बनायेंगे जिससे सभी बच्चों को उनके सभी अधिकार मिले एवं इसमें समुदाय की भूमिका क्या होगी ?
अभियान की रूपरेखा
- 14 नवम्बर 2019 (राष्ट्रीय बाल दिवस)
- 1000 गाँव में (24 जनजातिय स्वराज संगठनों और 1000 ग्राम विकास एवं बाल अधिकार समितियों द्वारा ) बच्चों के लिये खेल मैदान पर श्रमदान
- 1000 स्कूल के 50000 बच्चो की सहभागिता
- गाँव में बाल अधिकार की वर्तमान अवस्था की जानकारी संकलित करके समुदाय में चर्चा
- गाँव को बाल-मित्र गाँव बनाने के लिए शपथ पत्र